हिंदी भाषा नहीं भावों की अभिव्यक्ति है।
यह मातृभूमि पर मर मिटने की भक्ति है।
भारतीय विद्या मंदिर, दुगरी शाखा में विश्व हिंदी दिवस मनाया गया। यह दिवस प्रतिवर्ष 10 जनवरी को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य विश्व में हिंदी भाषा के प्रचार प्रसार के लिए जागरूकता पैदा करना और हिंदी को अंतर्राष्ट्रीय भाषा के रूप में पेश करना है। विदेशों में भारत के दूतावास इस दिवस को विशेष तौर पर मनाते हैं। इस अवसर पर स्कूल के बच्चों ने बहुत उत्साहित होकर इस दिवस को मनाने में भाग लिया। बच्चों द्वारा कविता पाठ हिंदी भाषा पर शुद्ध वर्तनी के शब्द और स्लोगन लेखन इत्यादि में भाग लिया गया। बच्चों ने अपनी कविताओं के माध्यम से हिंदी भाषा को पूरे विश्व में प्रसारित करने के लिए प्रयास किया। स्कूल की प्राइमरी वर्ग की अध्यापिका श्रीमती पूनम मेहरा ने हिंदी भाषा के महत्व को अपने विचारों से प्रस्तुत किया। प्रथम विश्व हिंदी सम्मेलन 10 जनवरी 1975 को नागपुर में आयोजित किया गया और इसी दिन से हिंदी भाषा को विश्व में सर्वोच्च स्थान दिलाने के लिए विश्व हिंदी सम्मेलनों की शुरुआत की गई। विश्व के सैकड़ों विश्वविद्यालयों में हिंदी पढ़ाई जाती है। पूरे विश्व में करोड़ों लोग हिंदी भाषा को बोलते हैं और यही नहीं हिंदी दुनिया भर में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली 5 भाषाओं में से एक है। हम सभी को हमारी राष्ट्रभाषा हिंदी पर गर्व है।
पढ़ने व पढ़ाने में सहज है, ये सुगम है,
साहित्य का असीम सागर है ये हिंदी।
तुलसी, कबीर, मीरा ने इसमें ही लिखा है,
कवि सूर के सागर की गागर है ये हिंदी।