"उसके आदर्श है उसके संस्कार हैं बिन पिता के ये जीवन बेकार है।"
भारतीय विद्या मंदिर हाई स्कूल, दुगरी में पितृ दिवस मनाया गया। यह दिवस हर वर्ष जून महीने के तीसरे रविवार को मनाया जाता है, यह दिवस पिता के त्याग और उनके प्यार के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए समर्पित है। विश्व का प्रथम पितृ दिवस 19 जून 1910 में वाशिंगटन में मनाया गया। तब से लेकर आज तक इस दिवस को पिता के सम्मान के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर स्कूल के बच्चों द्वारा अपने पिता के साथ अनेक कार्यविधियों को संपन्न किया गया। इस अवसर पर छात्रा तान्या ने पिता पर सुंदर कविता प्रस्तुत की, कक्षा नौवीं की छात्रा सहज ने एक गीत के माध्यम से पिता के महत्व को बताया। इस संबंध में छात्रा रिया ने अपने विचार व्यक्त किए। पितृ दिवस पर अनेक गतिविधियों का आयोजन किया गया जिसमें बच्चों ने आनलाइन अपने पिता के साथ बढ़ चढ़कर भाग लिया। स्कूल की प्रधानाचार्य श्रीमती मनीषा मदान जी ने बच्चों को पितृ दिवस पर जीवन में पिता की अहमियत को स्पष्ट किया। पिता से अच्छा मार्गदर्शक कोई हो ही नहीं सकता। हर बच्चा अपने पिता से ही सारे गुण सीखता है, जिससे हम एक बेहतर इंसान बनने की ओर अग्रसर होते हैं।