चरन कमल बंदौ हरि राईं।जाकि कृपा पंगु गिरि लंघै आंधर। कों सब कछु दरसाई।।
भारतीय विद्या मंदिर हाई स्कूल दुगरी में सूरदास जयंती मनाई गई। इस वर्ष सूरदास जयंती 17 मई को है। संत सूरदास जी एक महान कवि और संगीतकार थे जो अपने भक्ति गीतों के लिए जाने जाते थे। संत सूरदास जी ने बहुत से भक्ति पदों की रचना ब्रज भाषा में की थी। स्कूल की दसवीं कक्षा की छात्रा रविन्द्र कौर ने संत सूरदास जी के भक्ति पदों का अनुवाद हिन्दी में किया। स्कूल की हिंदी विषय की अध्यापिका श्रीमती सम्पदा ने संत सूरदास जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संत सूरदास जी नेत्रहीन होते हुए भी बहुत प्रतिभाशाली थे। अपने गायन के माध्यम से श्री कृष्ण की भक्ति में लीन रहते थे। प्रिंसिपल श्रीमती मनीषा मदान जी ने संत सूरदास जी को एक महान संत कवि बताया और कहा कि उन्होंने अपने भक्ति पदों और गीतों के द्वारा पूरे समाज को जीवन के गूढ़ तथ्यों से अवगत करवाया।